आपके जन्म समय और जन्म तिथि के समय आकाश में स्थित ग्रहों का संयोजन एक विशेष चक्र के रुप में करना कुंडली चक्र या लग्न चक्र कहलाता है। कुंडली, विशेष रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित रहता है। व्यापक अर्थ में, ग्रहो की स्थिति, दशा विश्लेषण, कुंडली में बनने वाले दोष एवं उनके उपाय, पत्रिका में विशेष योगों का संयोजन, ग्रहों का शुभाशुभ विचार इत्यादि का समावेश सम्पूर्ण जन्म कुंडली में किया जाता है। कुंडली को जन्म कुंडली या जन्मपत्रिका भी कहते हैं।
अपनी फ्री कुंडली अभी बनाएंहमने बहुत प्रयास से प्राचीन वैदिक ज्योतिष के गूढ़ ज्ञान को नवीनतम तकनीक के साथ मिश्रित किया है, आपके जीवन में आने वाले उत्कृष्ट और दुःखद प्रसंगो में आपको सहायता देने के लिए, तैयार करने के लिए और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए।
जन्मतिथि, समय व स्थान पर आकाश में ग्रहों का विशिष्ट खगोलीय स्वरुप होता है। यह खगोलीय स्वरुप एक अलग भौगोलिक बिंदु से अभिलिखित किया गया है। आपके जन्म के समय ग्रह-पृथ्वी-आकाश स्वरुप का यह प्रलेखन कुंडली चार्ट के रूप में जाना जाता है। कुंडली में ग्रह व उनके राशि, भाव विभाजन व लग्न या उदित राशि का संकेत दिया जाता है। किसी कुंडली की व्याख्या या विश्लेषण करने के लिए, चार चरण निम्नानुसार दिए गए हैं।
अपनी फ्री कुंडली अभी बनाएंव्यापक स्तर पर, कुंडली विश्लेषण के लिए 4 चरण हैं। यह विश्लेषण, संकलन , पूर्वानुमान और सुधारात्मक उपाय प्रयोग करना है।
प्रारंभ में, बहुत सारे कुंडली विश्लेषण तकनीकों से बहुत अधिक अभिभूत न हों, बल्कि लगातार कुंडली व्याख्या पर पहुंचने के लिए विभिन्न प्राचीन और आधुनिक शिक्षाओं को आत्मसात करने का प्रयास करें।
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